UP Khatauni Aadhaar Linking: यूपी में अब आधार कार्ड से बदल जाएगा खतौनी में नाम, जानें नया नियम

UP Khatauni Aadhaar Linking, Source: AI/Batkahi

उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों की एक बड़ी समस्या को दूर करने जा रही है। जल्द ही राज्य के किसान अपने आधार कार्ड के अनुसार खतौनी (भूमि रिकॉर्ड) में नाम संशोधन (UP Khatauni Aadhaar Linking) करवा सकेंगे। राजस्व परिषद इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है और अनुमान है कि आने वाले दो महीनों में यह सुविधा पूरी तरह शुरू हो जाएगी। इस फैसले से प्रदेश के करीब 3 करोड़ किसान सीधे लाभान्वित होंगे।

फिलहाल पूरे प्रदेश में खतौनी को आधार से लिंक करने का काम चल रहा है, लेकिन हजारों किसानों के नाम खतौनी और आधार कार्ड में अलग-अलग दर्ज होने के कारण बड़ी दिक्कतें सामने आ रही थीं। यही वजह है कि कई किसानों को किसान सम्मान निधि और अन्य सरकारी योजनाओं में भी लाभ नहीं मिल पा रहा था, क्योंकि इन योजनाओं में खतौनी लगाना अनिवार्य होता है।

पहचान संबंधी भ्रम होगा दूर

राजस्व परिषद का कहना है कि अब किसान आधार में दर्ज नाम को खतौनी में दर्ज करा सकेंगे, बशर्ते कि लेखपाल या संबंधित राजस्व कर्मचारी यह प्रमाणित कर दें कि दोनों रिकॉर्ड एक ही व्यक्ति के हैं। इससे पहचान संबंधी भ्रम भी दूर होगा और सरकारी योजनाओं का लाभ देने में आसान होगी।

18.90 लाख किसानों की अटकी किसान निधि

किसान सम्मान निधि की बात करें, तो प्रदेश में 2.34 करोड़ किसानों को लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन इस बार सिर्फ 2.15 करोड़ किसानों के खातों में ही पैसे भेजे गए। करीब 18.90 लाख किसानों का भुगतान अटक गया, जिसमें सबसे बड़ा कारण ई-केवाईसी का न पूरा होना बताया जा रहा है। ई-केवाईसी तभी पूरा होता है जब खतौनी और आधार में नाम बिल्कुल एक जैसा हो।

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सीलिंग एक्ट में जमीन की अधिकतम सीमा तय

खतौनी को आधार से लिंक करने का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि राज्य सरकार यह भी जान सकेगी कि किस व्यक्ति के नाम पर कुल कितनी जमीन है। अभी यह रिकॉर्ड सिर्फ तहसील स्तर तक सीमित होता है। यह जानकारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के सीलिंग एक्ट में जमीन की अधिकतम सीमा तय है। सिंचित भूमि 18 एकड़, असिंचित 27 एकड़ और बाग/ऊसर भूमि 45 एकड़ तक।

किसानों तक पहुंचेगा योजनाओं का लाभ

सरकार का मानना है कि यह कदम भूमि पारदर्शिता बढ़ाएगा, योजनाओं का लाभ सही किसानों तक पहुंचाएगा और ई-केवाईसी की परेशानियों को काफी हद तक खत्म कर देगा।

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