Fatehpur MGNREGA News: 594 ग्राम पंचायतों के विकास पर ब्रेक, मनरेगा को नहीं मिल रहे मजदूर; पढ़ें कारण

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बतकही/फतेहपुर; उत्तर प्रदेश (UP News) के फतेहपुर (Fatehpur News) में सरकारी योजना ‘मनरेगा’ का पहिया थम सा गया है। मनरेगा योजना (Fatehpur MGNREGA News) मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र के विकास को रफ्तार देने के लिए चलाई जा रही है। चालू वित्त वर्ष की बात करें जिले में 594 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां मनरेगा की प्रगति शून्य है।

मनरेगा की प्रगति शून्य होने का एक प्रमुख कारण समय पर मजदूरों का भुगतान न होना भी है। मेहनत करने के बाद भी समय पर मेहनताना नहीं मिलने से मजदूरों का इससे मोह भंग होता दिख रहा है। इसका खामियाजा कहीं न कहीं उन ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है, जहां काम तो कराना है, लेकिन मजदूर नहीं मिल रहे।

फतेहपुर में कितने मनरेगा मजदूर हैं?

आंकड़ों की बात करें तो जिले में 3 लाख, 13 हजार, 655 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। लेकिन इनमें से करीब 2 लाख मजदूर ही सक्रिय हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 594 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां अब तक फावड़ा तक नहीं उठा। दरअसल, पिछले 6 महीने से मनरेगा (Fatehpur MGNREGA Scheme) मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ है, इसलिए मजदूर काम पर नहीं आना चाहते हैं।

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मजदूरों की समस्याओं का समाधान करें अधिकारी

मामला गंभीर होता देख श्रम उपायुक्त अशोक कुमार ने सभी खंड विकास अधिकारियों को योजना की समीक्षा करके काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि मजदूरों से संवाद करके उनकी समस्याएं सुनें। उनका समाधान कराएं। मनरेगा की सुस्त रफ्तार ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। इसे फिर से शुरू कराने पर जोर है।

6 महीने से मनरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ

मनरेगा की सुस्त रफ्तार पर श्रम उपायुक्त अशोक कुमार ने बताया कि खंड विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक, सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी। इसके बाद जिम्मेदारों को नोटिस दी जाएगी। ताकि, मनरेगा (Fatehpur MGNREGA Scheme News) को मूर्त रूप दिया जा सके। हालांकि 6-6 महीने तक भुगतान न होना एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मजदूरों का कहना है कि जब 6-6 माह तक पैसा ही नहीं मिलेगा तो काम पर जाने का क्या फायदा?

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पक्के काम के सामान का भुगतान दो साल से नहीं हुआ

बात सिर्फ मनरेगा मजदूरों तक सीमित नहीं है। गांवों में मनरेगा के तहत जो कार्य कराए गए हैं, दो साल से उसकी सामग्री का भी भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में ग्राम प्रधान भी मनरेगा के कामों में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है।

ब्लॉकवार मनरेगा प्रगति पर शून्य ग्राम पंचायतों की बात करें तो अग्रलिखित हैं-

  • ब्लॉक – ग्राम पंचायतें
  • भिटौरा -70
  • मलवां -61
  • हथगाम – 56
  • तेलियानी -54
  • देवमई -52
  • बहुआ -49
  • धाता -44
  • अमौली -43
  • हसवा -42
  • खजुहा -35
  • विजयीपुर -32
  • असोथर -30
  • ऐरायां -26
  • कुल – 594

मनरेगा डीसी अशोक कुमार गुप्ता ने एक अखबार से बातचीत में बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा का काम नहीं शुरू हो पाया है, वहां काम शुरू कराने के लिए बीडीओ को पत्राचार किया गया है। बीच में लंबे समय से मजदूरों का भुगतान नहीं आया था। हालांकि, कुछ महीने की मजदूरी मजदूरों के खाते में आने लगी है। अभी सामग्री के भुगतान की कोई तिथि की जानकारी नहीं हैं।