बतकही/आगरा; उत्तर प्रदेश (UP news) के आगरा में बहुचर्चित पनवारी हत्याकांड (Agra Panwari Case) में शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। घटना के 34 साल बाद 35 दोषियों पांच साल का कठोर कारावास दिया गया है। साथ ही हर एक पर 41 हजार का जुर्माना लगाया गया है। वहीं 15 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने 35 अभियुक्तों को दोषी पाया था। फैसला सुरक्षित रख लिया था। सजा सुनाए जाने के बाद 32 दोषियों को जेल भेज दिया गया। जबकि, तीन अभियुक्त पेश नहीं हुए थे, उनके लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। वहीं मुकदमा विचाराधीन रहने के दौरान 22 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है।

जाट और जाटव समाज के लोगों के बीच हुआ था संघर्ष
Full Story Of Panwari Case
मामला 22 जून 1990 का है। सिकंदरा थाना के पनवारी गांव (Agra Panwari Case Update) में अनुसूचित जाति के युवक की बरात चढ़ाने को लेकर जाट और जाटव समाज के लोगों के बीच संघर्ष हो गया था। किसी तरह मामला शांत हुआ। अगले दिन 22 जून को पुलिस की मौजूदगी में बरात चढ़ाई जानी थी।
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गोली लगने से सोनीराम जाट की मौत हो गई थी
इस दिन एक बार फिर विवाद शुरू हुआ। इस बार इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस के साथ पीएसी ने बल प्रयोग किया था। फायरिंग में गोली लगने से सोनी राम जाट की मौत हो गई थी। इसके बाद आसपास के गांवों में हिंसा भड़क गई थी।

डेढ़ घंटे तक चले संघर्ष में महिला की मौत हुई थी
दो दिन बाद 24 जून को कागारौल थाना क्षेत्र के अकोला गांव में जातीय हिंसा भड़क गई। दोपहर 1 बजे अनुसूचित जाति और जाट समाज के लोग आमने-सामने आ गए। करीब डेढ़ घंटे तक हुए संघर्ष में एक महिला की मौत हो गई थी।

34 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाकर किया न्याय
वहीं 150 से अधिक घायल हुए थे। मामले में 200 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की। विवेचना के बाद 72 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अब इस मामले में 30 मई को कोर्ट ने फैसला (Agra Panwari Case Decision) सुनाकर न्याय कर दिया।